काशी पंचकर्म अस्पताल
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पंचकर्म कराएं, रोगों से मुक्ति पाएं

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों द्वारा शरीर का शुद्धिकरण ही पंचकर्म है।
यह शरीर की विषाक्तता को दूर करके आपको स्वस्थ, सुंदर, दीर्घायु और पवित्र बनाता है।

विरेचन (Virechan)

आयुर्वेदिक विधि द्वारा शरीर से पित्त दोष को बाहर निकालने की प्रक्रिया — शरीर का प्राकृतिक शुद्धिकरण।

विरेचन क्या है?

विरेचन एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है जिसमें औषधियों के माध्यम से शरीर से पित्त दोष को बाहर निकाला जाता है। यह प्रक्रिया पाचन तंत्र, यकृत (लिवर), और आँतों की गहराई से सफाई करती है। आमतौर पर इसका उपयोग त्वचा रोग, एलर्जी, बवासीर, और पित्त विकारों के लिए किया जाता है।

प्रक्रिया (Step by Step)

  • पूर्व कर्म: स्नेहन और स्वेदन
  • मुख्य कर्म: औषधियों द्वारा रेचक (laxative) देकर शुद्धि
  • उत्तर कर्म: आहार और आराम की विशेष व्यवस्था

लाभ (Benefits)

  • पाचन क्रिया में सुधार
  • त्वचा रोगों जैसे एक्जिमा, सोरायसिस में लाभ
  • पित्त से जुड़ी बीमारियों में राहत
  • लीवर डिटॉक्स और रक्त की शुद्धता

सावधानियाँ

  • गर्भवती, अति दुर्बल या बूढ़े लोगों पर नहीं करना चाहिए
  • योग्य वैद्य की निगरानी में ही करें
  • विरेचन के बाद विशेष आहार नियम का पालन अनिवार्य